आधार की विशेषताएं

अद्वितीयता

इसे जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक डी-डुप्‍लीकेशन की प्रक्रिया से हासिल किया गया है। डी-‍डुप्‍लीकेशन प्रक्रिया में यह जांचने के लिए कि क्‍या व्‍यक्ति पहले से ही डेटा बेस में है अथवा नहीं; नामांकन प्रक्रिया के दौरान एकत्र की गई निवासी की जनसांख्यिकीय/बॉयोमीट्रिक जानकारी को यूआईडीएआई के डेटाबेस के रिकार्ड के साथ तुलना की जाती है। निवासी के आधार हेतु केवल एक बार ही नामांकन की आवश्‍यकता है और डी-डुप्‍लीकेशन के बाद केवल एक आधार ही सृजन किया जाएगा। यदि निवासी एक से अधिक बार नामांकन करवाता है तो उत्‍तरवर्ती नामांकन रद्द कर दिए जाएंगे।

पोर्टेबिलिटी

आधार राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी प्रदान करता है क्‍योंकि यह कहीं भी ऑन-लाईन प्रमाणीकृत किया जा सकता है। यह महत्वपूर्ण है क्‍योंकि लाखों भारतीय एक राज्य से दूसरे राज्‍य अथवा ग्रामीण क्षेत्र से शहरी केंद्र आदि में प्रवास करते हैं।

रेण्‍डम संख्या

आधार संख्या रेण्‍डम नम्‍बर है जिसमें किसी प्रकार की आसूचना नहीं है। नामांकन के इच्‍छुक व्‍यक्ति को नामांकन प्रक्रिया के दौरान जनसांख्यिकीय और बायोमीट्रिक जानकारी उपलब्‍ध करवानी होती है। आधार नामांकन प्रक्रिया में जाति, धर्म, आय, स्वास्थ्य, भूगोल इत्‍यादि जैसे विवरण को संग्रहित नहीं किया जाता है।

स्केलेबल प्रौद्योगिकी संरचना

यूआईडी संरचना अनावृत और स्केलेबल है। निवासी के डेटा को केन्द्रीकृत रूप में संग्रहीत किया जाता है और देश में कहीं से भी उसका ऑनलाइन प्रमाणीकरण किया जा सकता है। एक दिन में 10 करोड प्रमाणीकरण करने के लिए आधार प्रमाणीकरण सेवा का गढन किया गया है।

ओपन स्रोत प्रौद्योगिकियां

ओपन सोर्स वास्‍तुकला विशिष्‍ट कम्‍प्‍यूटर हार्डवेयर, विशिष्ट भंडारण, विशिष्ट ओएस, विशिष्ट डेटाबेस विक्रेता या किसी विशिष्ट विक्रेता प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता को प्रतिबंधित करता है। इस प्रकार के एप्‍लीकेशन खुला स्‍त्रोत या खुली प्रौद्योगिकी का उपयोग कर निर्मित और एक विक्रेता तटस्‍थ ढंग से स्‍केलेविलिटी को एड्रेस करने और एक ही आवेदन के भीतर विषम हार्डवेयर के सह-अस्‍तित्‍व के लिए संरचित किए जा रहे हैं।